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SHIV WALLPAPER: Mahadev- Bholenath wall Paper

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SHIV WALLPAPER: Mahadev- Bholenath wall Paper : महादेव  महाकाल  महारुद्र  शिव   भोलेनाथ  ... Add caption Add caption Add caption Add caption Add caption Buy Mens and Womens Dress Material, Beauty Products, Fashion, apparel, beauty products directly from Website at Wholesale Rates

Jyotirlingon ki Katha

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ॐ नमः शिवाय   -   हर हर महादेव  Add caption मेरे महादेव आदि हैं  अनंत भी हैं ! निर्गुण हैं तो सगुण भी यही हैं ! निराकार हैं तो साकार भी यही हैं ! समस्त कारणों के जनक भी यही हैं ! स्वयं कारण भी हैं और करता भी यही हैं !  भरता भी यही हैं और हर्ता भी यही हैं ! समस्त लोकों स्वामी सबके पालनहार यही हैं ! समस्त सृष्टि इन्ही से उत्पन्न हुई है और अंत में इन्ही में समां जानी है ! नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय  भस्माङ्गरागाय महेश्वराय,  नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,  तस्मै नकाराय नमः शिवाय  बारह ज्योतीर्लिंगा :   मेरे भोलेनाथ की ऊर्जा बारह ज्योतिर्लिंगों के रूप में पृथ्वी पर सदैव विद्यमान रहती है , जिससे इस सृष्टि का चक्र चलते रहता है ! मेरे महादेव की ऊर्जा जिन बारह ज्योतिर्लिंगों के रूप में विद्यमान है उनके नाम इस प्रकार है ! १: सोमेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग (सोमनाथ)  २: केदारनाथ ज्योतिर्लिंग ३: नागेश्वर ज्योतिर्लिंग  ४: विश्वेस्वर ज्योतिर्लिंग  ५: भीमशंकर ज्योतिर्लिंग  ६: मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग  ७: बैजनाथ ज्योतिर्लिंग  ८: ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग  ९: महाकालेश्वर ज्य

सृष्टि की रचना

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    ॐ नमः शिवाय ..... ॐ नमः शिवाय क्या आप जानते है कि "भगवान श्री भोलेनाथ" एक मात्र ऐसे भगवान हैं जो अजन्मे (जिनका जन्म नहीं हुआ हो) हैं! कथा : एक बार जब "भगवान् श्री भोलेनाथ" का ध्यान टुटा, तो यूँही उनके मन में ख्याल आया की क्यूँ ना सृष्टि की रचना की जाये .....! तब "भगवान श्री भोलेनाथ" ने मन में सृष्टि की रचना का सोच कर अपने दायें जांघ पर अमृत रगड़ दिया...वहाँ से "भगवान् श्री विष्णु" का प्रागट्य हुआ! "भगवान् श्री विष्णु" कई वर्षों तक यूँही भटकते रहे , उनको अपने लक्ष्य का ज्ञान तक न था...एक बार अचानक आकाशवाणी हुई..."तुम मेरे रूप हो, मैं तुम्हारा जन्मदाता हूँ , तुम मेरी घोर तपस्या करो...तब मैं तुम्हे दर्शन दूंगा और तुम्हारा लक्ष्य बताऊंगा! ऐसा कहकर "जटाधारी" अंतर्ध्यान हो गए! "भगवान् श्री विष्णु" ने घोर तपस्या करके शिव जी को प्रसन्न कर लिया और सृष्टि की रचना का कार्य - भार सँभालने लगे ! मेरे भोलेनाथ महान हैं , इन जैसा कोई नहीं है! ये तुरंत प्रसन्न होने वाले देवता हैं! शिव