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सृष्टि की रचना

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    ॐ नमः शिवाय ..... ॐ नमः शिवाय क्या आप जानते है कि "भगवान श्री भोलेनाथ" एक मात्र ऐसे भगवान हैं जो अजन्मे (जिनका जन्म नहीं हुआ हो) हैं! कथा : एक बार जब "भगवान् श्री भोलेनाथ" का ध्यान टुटा, तो यूँही उनके मन में ख्याल आया की क्यूँ ना सृष्टि की रचना की जाये .....! तब "भगवान श्री भोलेनाथ" ने मन में सृष्टि की रचना का सोच कर अपने दायें जांघ पर अमृत रगड़ दिया...वहाँ से "भगवान् श्री विष्णु" का प्रागट्य हुआ! "भगवान् श्री विष्णु" कई वर्षों तक यूँही भटकते रहे , उनको अपने लक्ष्य का ज्ञान तक न था...एक बार अचानक आकाशवाणी हुई..."तुम मेरे रूप हो, मैं तुम्हारा जन्मदाता हूँ , तुम मेरी घोर तपस्या करो...तब मैं तुम्हे दर्शन दूंगा और तुम्हारा लक्ष्य बताऊंगा! ऐसा कहकर "जटाधारी" अंतर्ध्यान हो गए! "भगवान् श्री विष्णु" ने घोर तपस्या करके शिव जी को प्रसन्न कर लिया और सृष्टि की रचना का कार्य - भार सँभालने लगे ! मेरे भोलेनाथ महान हैं , इन जैसा कोई नहीं है! ये तुरंत प्रसन्न होने वाले देवता हैं! शिव